पेड़ तो फलदार होता जायेगा
पर पहुँच के पार होता जायेगा
फासले बढ़ते रहेंगे हर कदम
कारवां बेजार होता जायेगा
यातना बन जाएगी मीठी छुरी
जुल्म कारोबार होता जायेगा
औपचारिक गर्मजोशी से भरा
और भी व्यव्हार होता जायेगा
बस्तियां गमगीन होतीं हों तो हों
राजपथ गुलजार होता जायेगा
भूख,ग़ुरबत को करो पर्दानशीं
इस गली दरबार होता जायेगा
और होते जायेंगे नाखून पैने
तेजतर हथियार होता जायेगा
देखते रहिये हमेशा की तरह
कुछ नया हर बार होता जायेगा
फासले बढ़ते रहेंगे हर कदम
जवाब देंहटाएंकारवां बेजार होता जायेगा
बस्तियां गमगीन होतीं हों तो हों
राजपथ गुलजार होता जायेगा......
बहुत ही सार्थक शेर लिखे हैं आपने. अच्छी गजल. शुभकामना
सौरभ जी,
जवाब देंहटाएंवाह...वाह....दाद कबूल करें.....हर शेर बेहतरीन......सच को उजागर करती और दिल को छू लेने वाली ग़ज़ल है यह....इस पोस्ट के लिए बधाई है आपको....
हर शेर बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंबस्तियां गमगीन होतीं हों तो हों
जवाब देंहटाएंराजपथ गुलजार होता जायेगा
सुभान अल्लाह...वाह..
नीरज